डिजिटल अरेस्ट स्कैम के तरीके:
1. फोन कॉल या मैसेज के माध्यम से धमकी देना।
2. नकली पुलिस या साइबर सेल के नाम पर धोखा देना।
3. आपके डिवाइस में मालवेयर या वायरस होने का झूठा दावा करना।
4. आपके डेटा की चोरी होने का झूठा दावा करना।
डिजिटल अरेस्ट स्कैम के
उद्देश्य:
1. पैसे की धोखाधड़ी करना।
2. व्यक्तिगत जानकारी चोरी करना।
3. डिवाइस की सुरक्षा भंग करना।
4. आपको डराने और धोखे में रखना।
डिजिटल अरेस्ट स्कैम से बचने के तरीके:
1. अनजान कॉल्स या मैसेज पर ध्यान न दें।
2. पुलिस या साइबर सेल के नाम पर आने वाली कॉल्स की पुष्टि करें।
3. अपने डिवाइस की सुरक्षा बढ़ाएं।
4. व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।
5. ऑनलाइन लेन-देन में सावधानी बरतें।
6. अपने डिवाइस को नियमित रूप से अपडेट करें।
7. एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का उपयोग करें।
यदि आप डिजिटल अरेस्ट स्कैम के शिकार हुए हैं, तो:
1. तुरंत पुलिस या साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराएं।
2. अपने बैंक खातों और क्रेडिट कार्ड की जानकारी बदलें।
3. अपने डिवाइस को सुरक्षित करें।
4. व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।
भारत में डिजिटल अरेस्ट स्कैम से संबंधित कानून:
1. सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act), 2000
2. साइबर कानून
3. डिजिटल भुगतान सुरक्षा अधिनियम
4. व्यक्तिगत डेटा सुरक्षा अधिनियम
आजकल विभिन्न प्रकार के स्कैम हो रहे हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
डिजिटल स्कैम
1. फिशिंग स्कैम: ईमेल/मैसेज के माध्यम से व्यक्तिगत जानकारी चोरी करना।
2. पासवर्ड स्कैम: पासवर्ड चोरी करने के लिए धोखा देना।
3. मालवेयर स्कैम: मालवेयर के माध्यम से डिवाइस को नुकसान पहुंचाना।
4. रैनसमवेयर स्कैम: डेटा को एन्क्रिप्ट करने और फिरौती मांगना।
5. डिजिटल अरेस्ट स्कैम: डिजिटल उपकरणों की जांच के नाम पर धोखा देना।
फाइनेंशियल स्कैम
1. क्रेडिट कार्ड स्कैम: क्रेडिट कार्ड की जानकारी चोरी करना।
2. बैंकिंग स्कैम: बैंक खातों में धोखाधड़ी करना।
3. इन्वेस्टमेंट स्कैम: निवेश के नाम पर धोखाधड़ी करना।
4. लोन स्कैम: ऋण के नाम पर धोखाधड़ी करना।
5. इन्सुरेंस स्कैम: बीमा के नाम पर धोखाधड़ी करना।
*सोशल स्कैम*
1. रोमांटिक स्कैम: ऑनलाइन रिश्तों में धोखाधड़ी करना।
2. फ्रेंडशिप स्कैम: दोस्ती के नाम पर धोखाधड़ी करना।
3. जॉब स्कैम: नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी करना।
4. मैट्रिमोनियल स्कैम: विवाह के नाम पर धोखाधड़ी करना।
5. सोशल मीडिया स्कैम: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर धोखाधड़ी करना।
ऑनलाइन स्कैम
1. ऑनलाइन शॉपिंग स्कैम: ऑनलाइन खरीदारी में धोखाधड़ी करना।
2. ई-कॉमर्स स्कैम: ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर धोखाधड़ी करना।
3. टिकटिंग स्कैम: टिकट बुकिंग में धोखाधड़ी करना।
4. होटल बुकिंग स्कैम: होटल बुकिंग में धोखाधड़ी करना।
5. ऑनलाइन गेमिंग स्कैम: ऑनलाइन गेमिंग में धोखाधड़ी करना।
अन्य स्कैम
1. पाइरामिड स्कैम: पैसे की धोखाधड़ी करने वाली योजनाएं।
2. मल्टीलेवल मार्केटिंग स्कैम: व्यवसायिक योजनाओं में धोखाधड़ी करना।
3. कॉल स्कैम: फोन कॉल के माध्यम से धोखाधड़ी करना।
4. डाक स्कैम: डाक के माध्यम से धोखाधड़ी करना।
5. इनसाइडर ट्रेडिंग स्कैम: शेयर बाजार में धोखाधड़ी करना।
स्कैम से बचने के लिए:
1. व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।
2. अनजान लिंक्स पर क्लिक न करें।
3. ऑनलाइन लेन-देन में सावधानी बरतें।
4. पासवर्ड को नियमित रूप से बदलें।
5. एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का उपयोग करें।
6. साइबर सेल या पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं।
साइबर सेल हेल्पलाइन नंबर:
1. 1930 (साइबर सेल हेल्पलाइन)
2. 112 (पुलिस हेल्पलाइन)
3. 011-24368630 (साइबर सेल, दिल्ली)
सावधानी और जागरूकता से आप डिजिटल अरेस्ट स्कैम से बच सकते हैं।